अजगर खोरठा नाटक विश्वनाथ दसौधी ‘राज’
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(ख) अजगर
विश्वनाथ दसौधी ‘राज’
अजगर - भ्रष्टाचारी लोग
नाटक का प्रकार - बहुअंकी , सामाजिक , क्रन्तिकारी
लेखक - विश्वनाथ दसौधी ‘राज’
आवरण सज्जा - आकाश खूंटी
प्रथम संस्करण -2004
प्रकाशक - बालीडीह खोरठा कमिटी
नाटक में अंको की संख्या - 3
नाटक में दृश्यों की संख्या - 16
सार संक्षेप (हिन्दी में) -
- अघनु लाला गांव का एक सूदखोर महाजन है। वह गांव के सीधे-साधे लोगों का जमीन-जायदाद, घर-द्वार सादे कागज में "अंगुठा छाप लगाकर अपने नाम कर लेता है।
- इसी सिलसिले में गोबरा नामक एक गरीब आदमी की जमीन फरजी कागज बनाकर अपने नाम कर लेता है।
- अघनु लाला के मुंशी शरदा प्रसाद को यह पसंद नहीं किंतु बेमन से अघनु लाला का काम करता है।
- दूसरी तरफ अघनु लाला का बेटा मंगरा एक महार (हरिजन) लड़की फुलवा से प्यार करता है और उससे विवाह भी कर लेता है।
- अधनु लाला मंगरा को घर से निकाल देता है। किंतु तेतरा मांझी मंगरा-फुलवा को समर्थन देता है।
- गांव के ही टुंगरी बाबा का भगत लोगों को टुंगरी बाबा कर डर दिखाकर लोगों को ठगता है।
- चरक पहरी थाना का दारोगा जालिम सिंह गांव के लोगों को केस मुकदमें में फंसाकर आतंक मचाये हुए है। जालिम सिंह अधनु लाला को भी उसके गलत कामों में मददगार है।
- एक बार टुंगरी बाबा का भगत पूरे गांव में आग लगा देता है,जिसे मंगरा देख लेता है। मंगरा जब बात का खुलासा करता है तो टुंगरी बाबा का भगत मंगरा को ही दोषी बताता है।
- मंगरा उसका बाप अधनु लाला, जालिम सिंह दारोगा और भगत तीनों गुस्साए रहते हैं फलस्वरूप वे सभी कोर्ट में मंगरा के खिलाफ गवाही देते हैं और उसे फांसी की सजा सुनायी जाती है।
- दूसरी तरफ फुलवा, गोबरा, सुगिया, तेतरा मांझी गांव के लोगों को जगाने का प्रयास करते हैं और एक नये शोषणमुक्त समाज बनाने के लिए आंदोलन छेड़ देते हैं।
- जालिम सिंह दारोगा गोबरा को मार-पीट कर घायल कर देता है। अर्थात गांव में महाजन, थाना का दारोगा, मंदिर का पुजारी थाना के सिपाही खूब अत्याचार करते हैं
- इन सबों को भ्रष्टाचार रूपी एक बड़े अजगर के रूप में दिखाया गया है और इस नाटक में जो पूरे के पूरे आदमी को निगल जाता है और डकार तक नहीं लेता।
पहला अंक
पहला दृश्य
1Q. अजगर नाटक में गोबरा अघनु लाला के घर काम पर क्यों नहीं आया था ?
- बेटी का शादी के लिए गोबरा के घर मेहमान आए थे
2Q अजगर नाटक में अघनु लाला का मुंशी कौन था ? शारदा प्रसाद
3Q अजगर नाटक में गोबरा का अघनु लाला के पास कितना रुपया सूद का बकाया था ? ₹500
- जबकि गोबरा कहता है कि मेरा 500 नहीं 50 टका बाकी है.
4Q अजगर नाटक में गोबरा से सफेद कागज पर उसके दाहिने हाथ का अंगूठा का छाप कौन ले लेता है ? शारदा प्रसाद (अघनु लाला का मुंशी)
- अघनु लाला गोबरा का घर द्वार खेत सभी अपने नाम कर लेता है.